Wednesday, December 5, 2018

7 # हमारे शहीदों के नाम ... #दीवाली पे ...

आज जब आपने घर को
रोशनी में नहाते पाया
तो न जाने किन किन ख़यालों में
खुद को खोया पाया ...

न जाने सरहदों पे कितने दिप बुझते है
हमारे इन दियों के खातिर
न जाने कितने घर खामोश है गुमसुम है
वतन के किलकारियों के खातिर

उन अंजान गुमनाम वीरों के नाम
एक दीप ओर आज हमने जलाई है
क्योंकि जानते है -
हरपल जो आज़ादी की साँस लेते है हम
इसकी कीमत उन्होंने चुकाई है ...

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