तू भी पथिक
मैं भी पथिक
गर हो तन्हा
तो बैठो दो पल संग
कहो आपनी दिलकी
जो ना हो कोई तुमारा संगी
पर भूल न जाना -
मैं बस एक पड़ाव हूं
तुमारी मंज़िल नहीं
मुझमे न खोजों आपना किनारा
मैं साहिल भी नहीं
मैं पल दो पल का साथी हूं
जिसे छूटना ही है
मैं एक महफ़िल हूं
जिसे टूटना ही है
न जोर आपने दिल के तार हमसे
मैं एक पवन का झोंका
तुम नदी का स्रोत हो
बेहना हम दोनों का नसीब
तू भी एक पथिक
मैं भी एक पथिक ...
मैं भी पथिक
गर हो तन्हा
तो बैठो दो पल संग
कहो आपनी दिलकी
जो ना हो कोई तुमारा संगी
पर भूल न जाना -
मैं बस एक पड़ाव हूं
तुमारी मंज़िल नहीं
मुझमे न खोजों आपना किनारा
मैं साहिल भी नहीं
मैं पल दो पल का साथी हूं
जिसे छूटना ही है
मैं एक महफ़िल हूं
जिसे टूटना ही है
न जोर आपने दिल के तार हमसे
मैं एक पवन का झोंका
तुम नदी का स्रोत हो
बेहना हम दोनों का नसीब
तू भी एक पथिक
मैं भी एक पथिक ...
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