उदास है समा, आपके जाने से
हो सके तो लोट आए किसी बाहने से
ऐसे भी क्या रूठना किसीसे
के वो टूट के बिखर जाए आपके जाने से ...
आँखों का ये आशियाना हमारा
कभी ख़ाली न रहा
कभी ख्वाब कभी अश्क़
कभी आबाद रही ये उदासियों से ...
उदासियों के संग न जब बेहला मन
आपके ख़यालो के संग हो लिए
पिछली रात की कहानी जो अधूरी थी
नही होगी पूरी वो ख्वाबो के उधारियो से ...
हो सके तो लोट आए किसी बाहने से
ऐसे भी क्या रूठना किसीसे
के वो टूट के बिखर जाए आपके जाने से ...
आँखों का ये आशियाना हमारा
कभी ख़ाली न रहा
कभी ख्वाब कभी अश्क़
कभी आबाद रही ये उदासियों से ...
उदासियों के संग न जब बेहला मन
आपके ख़यालो के संग हो लिए
पिछली रात की कहानी जो अधूरी थी
नही होगी पूरी वो ख्वाबो के उधारियो से ...
No comments:
Post a Comment