ये रात मुझे है पसंद, तेरे बाहों में बीतती हुई
ये दिन भी मुझे है पसंद, तेरी यादों से खेलती हुईमुझे तेरी धड़कनों का शोर भी है पसंद
मुझे तेरी आंखों की खामोशियां भी है पसंद
मुझे पसंद है बरखा भी जो, भिगोती है मुझे तेरे प्यार में
मुझे पसंद है धूप भी जो, झुलाती है मुझे तेरे बाहों की छांव में
मुझे तेरी फूलों सी मुस्कान भी है पसंद
मुझे तेरी शहद सी बोली भी है पसंद
तुझें मैं मना सकू, तेरी नाराज़गी भी पसंद है मुझे
तेरे लिए तरस जाऊ, तेरा इंतेज़ार भी पसंद है मुझे
मुझें देख तेरा मुस्कुरा के आहे भरना मुझे है पसंद
मेरी सलामती पर तेरे सांसो में सांस आना मुझे है पसंद ... #mg
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