न सोचा था, दर्द ए दिल में इजाफा करोगे
सारे शिकवे शिकायते दिल से है
जो दिल ही ना रहा, तो क्या करोगे ?
कौन जाने, कल, कौन किस बात पर पछताएगा
पछतावे को जब वक़्त ना मिला, तो क्या करोगे ?
दो पल की जिंदगी, नादान दिल, कितना बैर रखोगे ?
इतना भार जो संभला ना दिल से, तो क्या करोगे ?
तुम हिसाब रखो ना रखो, जब वो हिसाब लेगा
किसको हँसाया किसको रुलाया, तो क्या करोगे ?