Saturday, July 11, 2020

129# एक फ़ौजी का प्यार ...

कब तक लोटोगे ? 
सर सीने टिकाकर पूछा था
चंद महीनों में
माथेपे चुम्बन साथ 
उसका जवाब आया था
चंद महीने और 
फिर सदा के लिए तुम मेरी होगी
थोड़ासा सब्र और
अबके ये जुदाई आखरी होगी
ये कहकर धीरज बध्या था
जितना रुकेगा मुश्किल उतना जाना होगा
सोच अलविदा वो कह गया था
एकबार भी न मुड़कर देखा
फ़र्ज़ के राह वो निकल गया था
एक दर्द छुपाके साथ ले गया वो
जानता था पीछे क्या छोड़ गया था
वही खड़ी दहलीज़ पर ताकती रही 
जब तक आँखों से ओझल हो न गया था वो
नियति पे था अब निभाने का ज़िम्मा
वादा तो वो कर गया था
जाने कौनसी अग्नी देहकेगी
ज्योत तो वो जला गया था ...

#TanhaDil #mg 

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