वो भी अकेला था
मैं भी तन्हा थी
कुछ अधूरा सा था वो
मैं भी कहा पूरी थी
थोड़ासा वो मुस्कुराया था
थोड़ासा मैं भी शरमाई थी
थोड़ासा वो झुका था
थोड़ी पलकें मैंने उठाई थी
फिर बातों का सिलसिला चला
कुछ उसने कुछ मैंने कहा
कितनी बेतुकी बाते की थीं
जाने कितने ख्वाब बुने थे
रात भर एक दौर चला था
नींद किसीको भी न आई थीं
चाँद से ऐसी मेरी
पहली मुलाकात रही थी ... 💞
#TanhaDil #mg
बेहद उम्दा
ReplyDeleteबेहद उम्दा
ReplyDelete