एक शाम कलम से
यू ही पूछा लिया था -
मैं तन्हा हूं
क्या तुम साथी बनोगे
एहसास है पर खामोश है
सदियों से इस दिल में
क्या तुम आवाज़ बनोगे
कई घाव अभी सीने है
कई घाव पे पर्दा करना है
क्या तुम मुस्कान बनोगे
नाम और काम अनेक है
पर जीवन पथपर
क्या तुम मेरी पहचान बनोगे... 💞
#TanhaDil #mg
No comments:
Post a Comment