तुम्हारे व्यस्त जीवन से कुछ पल मांगती हु
सुबह शाम नहीं बस चन्द पल मांगती हु
ताकि खैर ख़बर ले सकू तुम्हारी
क्या मैं कुछ ज्यादा मांगती हु
कुछ किस्से कहानियां बुनना चाहती हूं
तुम संग हँसना- हँसाना चाहती हूं
जिन्हें याद कर तुम कल भी मुस्कुरा सको
क्या मैं कुछ ज्यादा मांगती हु ...
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