तुम घुल जाओ मेरे बात में धीरे-धीरे
बुनने लगा दिल एक हसीन ख़्वाब
घुला इश्क़ जो मुलाकात में धीरे-धीरे
तेरा रखना कदम दिल आंगन में
छाती लालिमा प्रभात में धीरे-धीरे
आप से तुम तक का सफर
तय कर लेंगे साथ में धीरे-धीरे
जाने कब बन गए तुम हमसफर
इस 'तनहा' ए हयात में धीरे-धीरे
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