गर दुआ कबूल हो तो
आरजू हैं बस इतनी -
कुसूर हमसे वो हो
के उनके दिल में कैद मिले
सज़ा ताउम्र की हो
पर मरने पे भी न रिहा मिले
मिलने की मोहलत
सिर्फ यादों को मिले
हाल चाल की खबर
सिर्फ यारों को मिले
जब तक साँस चले
प्यार बेसुमार मिले
जब रुकस्ती हो इस दिल की
तो कांधे चार मिले ...
#TanhnaDil #mg
No comments:
Post a Comment