Thursday, March 26, 2020

76# tanha sa

भटकता है ये दिल
यादों की गलियों में
आवारा सा

कभी रात कभी चाँद
तन्हाई में बना
सहारा सा

लाखों की भीड़ में
जाने ये दिल रहा क्यों
तन्हा सा

रेगिस्तान की मारीचिका में
जैसे कोई खोजता
किनारा सा ... 💞


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