Monday, April 8, 2019

45. कुछ तलब लगी है...

शाम ढल चुकी है शायद
कुछ लिखने की जो फिर
तलब लगी हैं
पर कहा से लाऊ आज शब्द मैं
अब तो दिल पूरा खाली है
क्या देगा हमें कोइ कुछ शब्द उधर
बस कुछ वक्त की मजबुरी है
बस उनके लौटते ही
वादा रहा लौटा देंगे
हर शब्द आपके एहसास समेत ...

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