Friday, April 19, 2019

46. चाँद हमारे छद पे ...

ख्वाबो की बातें वो जाने जिनका नींद से रिश्ता हो,
हमने तो रात गुजारी है चाँद से गुफ्तगू में…
एक अरसे बाद वो उतरा था हमारे छद पे
या हमको ही हो गया था कई अरसा छद पे टहले हुए ...
एक अरसे बाद अस्मा के पहलू में बैठ
दोनों ने दिल के पन्ने खोले थे...
कुछ बरसात अब भी हमारे गालों पे सूखे हुए है
कुछ ओस के बूंदे वो भी पीछे छोड़ गया है ...

2 comments: