कल फिर रख लेंगे आपके मोहब्बत का भरम
बस इस रात की मोहलत दे दो
कुछ जज्बातों को समेटकर
उनपे उम्मीदो के टाट लगाने है
कुछ लफ्ज़ो की डोरी से
जख्मों को रफू करना है
आँसू जो सुख चुके है
कुछ एहसास उनको देना है
कल फिर रख लेंगे आपके मोहब्बत का भरम
बस इस रात की मोहलत दे दो ...
बस इस रात की मोहलत दे दो
कुछ जज्बातों को समेटकर
उनपे उम्मीदो के टाट लगाने है
कुछ लफ्ज़ो की डोरी से
जख्मों को रफू करना है
आँसू जो सुख चुके है
कुछ एहसास उनको देना है
कल फिर रख लेंगे आपके मोहब्बत का भरम
बस इस रात की मोहलत दे दो ...
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