हर शाम का उनसे वादा है
डायरी के पन्नों पे मिलना है
कागज़ कलाम दवात हम ले आये है
उन्हें आपने साथ ज़ज़्बात लाना है
ये पन्ने गवाह है
हमारी हर मुलाकातों का
कुछ जो अधूरे रहे
तो कुछ हुए मुकम्मल का
मुलाकात में उनके
वक़्त ढल जाता है
शब्द थकने लगते है
पर मन नहीं भर पाता है
कुछ जज्बात बया हो जाते है
कुछ खामोशी के दौर चलते है
उनके कंधों पे रख कर सर
हम हर गम भूल जाते है
हसी सपने आंखों में भर
हम दूर कही खो जाते है
उनके जज्बातों में रमकर
शब्द डायरी में सो जाते है
ऐसे ही उनसे मिलने
हर शाम हम डायरी पे आते है
ऐसे ही सदियों से
हम उनसे आपना वादा निभाते है -
डायरी के पन्नों पे मिलना है
कागज़ कलाम दवात हम ले आये है
उन्हें आपने साथ ज़ज़्बात लाना है
ये पन्ने गवाह है
हमारी हर मुलाकातों का
कुछ जो अधूरे रहे
तो कुछ हुए मुकम्मल का
मुलाकात में उनके
वक़्त ढल जाता है
शब्द थकने लगते है
पर मन नहीं भर पाता है
कुछ जज्बात बया हो जाते है
कुछ खामोशी के दौर चलते है
उनके कंधों पे रख कर सर
हम हर गम भूल जाते है
हसी सपने आंखों में भर
हम दूर कही खो जाते है
उनके जज्बातों में रमकर
शब्द डायरी में सो जाते है
ऐसे ही उनसे मिलने
हर शाम हम डायरी पे आते है
ऐसे ही सदियों से
हम उनसे आपना वादा निभाते है -
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