Saturday, January 19, 2019

40 # यादों के परिंदे

सूरज ने थक के
कंधों पे रख दिया सर
शितिज के
रोशनी भी ओड़ चुकी
चादर रात की
चाँद आसमां के आगोश में
खोया खोया सा है
अश्क़ के शिशिर में
रात भी धूला धुला सा है
जुबा है खामोश
धड़कने बोल रही है
यादों के परिंदे
घोसलों में आपने
लौट रही है




Friday, January 18, 2019

39 # मुस्कान ऑन लीव ...

दिलने न जाने क्या सोचकर
आपनी धड़कन धीमी करली
आँखों का हाल जो देखा
आइने ने आपनी नजर नीची करली -

गुलो में भी हुई कुछ कनापूसी
हमें आता देख सबने चुप्पी करली
धूप ने भी कुछ ताक झाक कर
बांध आपनी खिड़की करली -

मौसम भी गमगीन रहा आज
फ़िज़ाओं ने भी व्रत मोन करली
सब थे आज बेचैन परेशान
शायद सबको लग गई थी भनक -
के मुस्कान ने हमारी फिर छुट्टी करली ...



Wednesday, January 16, 2019

38 # मुलाकात ...

हर शाम का उनसे वादा है
डायरी के पन्नों पे मिलना है
कागज़ कलाम दवात हम ले आये है
उन्हें आपने साथ ज़ज़्बात लाना है
ये पन्ने गवाह है
हमारी हर मुलाकातों का
कुछ जो अधूरे रहे
तो कुछ हुए मुकम्मल का
मुलाकात में उनके
वक़्त ढल जाता है
शब्द थकने लगते है
पर मन नहीं भर पाता है
कुछ जज्बात बया हो जाते है
कुछ खामोशी के दौर चलते है
उनके कंधों पे रख कर सर
हम हर गम भूल जाते है
हसी सपने आंखों में भर
हम दूर कही खो जाते है
उनके जज्बातों में रमकर
शब्द डायरी में सो जाते है
ऐसे ही उनसे मिलने
हर शाम हम डायरी पे आते है
ऐसे ही सदियों से
हम उनसे आपना वादा निभाते है -


Monday, January 14, 2019

37 # मकरसंक्रांति ...

ना जाने ज़िन्दगी के छद पे
आज कितने नैनो के पैच लड़ेंगे
दिल के परंग काटेंगे

Sunday, January 13, 2019

36 # मनमानी ...

हरदम चेहरे पे गिरने वाली
ये जुल्फ़े हमारी आजकल
बहोत #मनमानी करती हैं -
हवा के झोकों के साथ मिलके
लगता रची तो कोई साज़िश है
जो आते ही देख उनको
हमारे चेहरे से हट जाती हैं ...

35 # मेरी मैगी ...

मैं और मेरी मैग्गी
अक्सर गपशप कर लेते है
जब घर का मेनू
ठीक न लगे
डेट कर लेते है
हम दोनों में कभी
कोई बैर नहीं
कोई बीच में आये
तो खैर नहीं

#MeriMaggie 😊

Saturday, January 12, 2019

34 # गीले सिरहाने ...

गीले सिरहाने गवाह है
आँखों आँखों में
फिर कटी कोई रात है
यादों का कोई दराज़
शायद रह गया था अध्द खुला
बीते वक़्त की खुशबु
शायद फ़िज़ाओं में था घुला
जाग गए होंगे कुछ जख्म
नींद ने भी न रखा होगा भरम
दिल के पैबन्द पर
चाँद ने रात भर टाट लगाए होंगे
थक के चूर इसी बीच
कुछ अश्को ने दम तोड़े होंगे ...





Thursday, January 10, 2019

33 # बंध दराज़ ...

एक आध दशक बीत चुकी
उस दराज़ को देखे, खोले, याद किये
आज न जाने क्यों बहुत याद आ रही थी -
सुबह से शाम हो गई
कई बार सामने से गुजर चुके थे
पर एक बार भी हिम्मत ने साथ न दिया -
दिमाग को समझाया
दिल को मनाया
एक झटके में दराज़ खोल डाला -
मासूम से कुछ ख़त बिखरे पड़े थे
कुछ देर उनको यूही निहारा
फिर प्रेम से सबको समेटा -
बस अब हम, ख़त और रात है
यारो के बीच की बात है
आँखों में कुछ नमी सी है
मिट रही बरसो की कुछ कमी सी है ...

Sunday, January 6, 2019

32 # There's still time for sun rise ...

There's still time for sun rise
You have walked alone
too long
Fighting the darkness
It's time you lace your fingers
with mine
I know
Signs of nightmares
Are taking its troll
Life is getting colder
Let me hold u close
And keep u warm
Let me breathe
Soul in Ur life
Close your eyes n relax
In my arms
N Let sleep find u ...
There's still time for sun rise

Friday, January 4, 2019

31 # आधा आधा

वादा था आपका खुसी हो या गम
सब मिल बाट लेंगे हम
पर ये बटवारा न जाने कैसा हुआ
सागर आपके हिस्से आई और जमी के हुए हम

जब रात हुई हमारी दिन आपका हुआ
जब दिन हुआ हमारा रात आपकी हुई
दोनों के हिस्से आधी आधी
दोनों के हिस्से बरी बरी

सूरज आपको जलाए तो चाँद हमे रुलाये
जब सूरज हमे जगाये तो चान्दनी आपको सुलाए
न आपके हिस्से पूरी खुशी आई
न हमारे हिस्से पूरा गम
ऐसे हुआ बटवारा सब
न सांस आई और ना ही निकला दम ...