Tuesday, October 15, 2019

66 # फौजी

वो इश्क़ ही क्या जो रोज़
लिबास सा बदला जाए
हमारा तो इश्क़ भी कफ़न सा हैं
जो एक बार चढ़े तो फिर न उतारा जाए
मजबूरियों के नाम पे जो रोज़ मरते हैं
उन्हें किस्तों की ज़िंदगी मुबारक
हम एहले वक़्त पर मरने वाले
मौत को हमरा ख़ौफ मुबारक ...

65 # अधूरा सा चाँद ...


वो अजनबी था
फिर भी न जाने क्यों जाना पहचाना सा लगा
आँखे थी नम , कोई तो था गम
पूछा - तो हमें बातों में बहलाता सा लगा
हल्की सी मुस्कान लिए
हमने फिर चाँद को देखा -
उनके कहे अनकहे बातों से
हाले गम हमे आपना सा ही लगा
पूनम का चाँद पूरा था अस्मा पे
पर जानते हैं किसीके जुदाई में
उसे भी आज चाँद हमसा अधूरा ही लगा ...

Sunday, October 13, 2019

64 #

एक चिड़िया हु मैं
आसमान के ख़्वाब ही देखूंगी
चाहे पिंजरे में क्यों न रहू
कभी न कभी तो पर पसारूंगी
पर जहाँ भी उड़ जाऊ शाम ढले
आपने घर ही लौटूंगी

तब

आँखों में शिकायत नहीं ख़याल रखना
लबो पे सवाल नहीं मुस्कान रखना
कभी बाहों में भरना ,मेरा हालचाल पूछना
आपने लिए, दिल में मेरे
ख़ौफ नहीं प्यार इज़्ज़त बनाये रखना

मेरी गलतियां हो तो मुझे समझना
पर जो मैं सही रहू तो मुझे न झुकने देना
मैं समझूंगी तुमको
तुम भी मुझे समझना
बातचीत का एक दरवाज़ा सदा खुला रखना

जानती हूं डरते हो के गिर न जाऊ
मेरे दर्द का एहसास डराता है तुम्हें
गिरूँगी तभी तो संभालूंगी
थोड़ा यक़ीन थोड़ा भरोसा रखना
आपना आशीष सदा मेरे सरपे बनाये रखना ...