किसीके प्रति हमारी नफरत नहीं बदलती
तो फिर मोहब्बत क्यों बदल जाती हैं
हम एक ही किस्से पे बार बार नहीं हँसते
तो एक ही वाकिया पर बार बार क्यों रो देते हैं
हम किसी अंजान पे यकीन करके उसे अपना बना लेते हैं
पर अपनो पे पूरी तरह यकीन करने से कतराते हैं
दोस्तों को मज़ाक मज़ाक में कूट देते हैं
दुश्मनों को गले लगा कर श्रीस्टाचार निभाते हैं
अजीब फंडे हैं लाइफ के
मौत से डरते हैं और मर मरके जीते हैं ... 🤔
तो फिर मोहब्बत क्यों बदल जाती हैं
हम एक ही किस्से पे बार बार नहीं हँसते
तो एक ही वाकिया पर बार बार क्यों रो देते हैं
हम किसी अंजान पे यकीन करके उसे अपना बना लेते हैं
पर अपनो पे पूरी तरह यकीन करने से कतराते हैं
दोस्तों को मज़ाक मज़ाक में कूट देते हैं
दुश्मनों को गले लगा कर श्रीस्टाचार निभाते हैं
अजीब फंडे हैं लाइफ के
मौत से डरते हैं और मर मरके जीते हैं ... 🤔
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